कोशी कमला के बाढ़।
कोशी कमला के बाढ़।
-आचार्य रामानंद मंडल।
हो बाबा भोले शंकर।
जटा मे रोका भयंकर-
हिमालय से निकलैत जलधार।
मिथिला पड़ल बीच मंझधार।
हो बाबा ऋषि अगस्त्य।
तीन चुर मे पी जा।
कोशी कमला के बाढ़।
मिथिला पड़ल बीच मंझदार।
हो बाबा भोले शंकर।
पूजा होइ छौ भयंकर।
जटा में रोका बाढ प्रलयंकर।
मिथिला डूब जयतो समंदर।
हो बाबा ऋषि अगस्त्य।
पूजा लेइछा तु पितृपक्ष।
पी जा बाढ जेका समंदर।
मिथिला डुब जयतो समंदर।
हो बाबा भोले शंकर।
हो बाबा ऋषि अगस्त्य।
मिथिला बचाबा बाढ समंदर।
करे रामा प्रार्थना अगस्त्य शंकर।
@आचार्य रामानंद मंडल सीतामढ़ी।