कोशिश तो बहुत की सुनने की।
कोशिश तो बहुत की सुनने की।
पर सुन ना पाए बड़ी दर्दे कहानी है।।1।।
कोई नई बात बताओं हमें तुम।
यह बात तो बड़े पहले की पुरानी है।।2।।
हाथ पीले कर दो बिटिया के।
वो तो हो गयी देखो अब सयानी है।।3।।
सड़क पे नही लाते यूं झगड़े।
घर की इज्जत फिरतो लुट जानी है।।4।।
बहते दरिया को क्या हुआ है।
लाल लहू जैसा क्यूं इसका पानी है।।5।।
सिकन्दर तो वह बन पाता है।
जिसने जीतने की ही बस ठानी है।।6।।
यूं लगता है सब पा लिया है।
मुकम्मल ना किसी की कहानी है।।7।।
बीती रात बहुत रोये हो तुम।
तेरे गालों पर अश्क ए निशानी है।।8।।
कोई नई नात पढ़ो राहत की।
यह अब हो चुकी बहुत पुरानी है।।9।।
हर बार ही यूं फंस जाते हो।
अभी भी तुम्हारे अंदर नादानी है।।10।।
अभी दास्तां बहुत बाकी है।
जिसे सारी दुनिया को सुनानी है।।11।।
जैसे चाहो वैसे ही रहो तुम।
सब की जुदा होती जिंदगानी है।।12।।
पुरखो में हुई थी ये अदावत।
दिल ए दूरियां बड़ी दरम्यानी है।।13।।
कुछ तो खास बात है उसमें।
सारी दुनिया उस की दीवानी है।।14।।
बहुत वक्त बीता इंतजार में।
चलो मैय्यत भी अब दफनानी है।।15।।
जिन्दगी में आना जाना है।
यह खुदा ए पाक की निज़ामी है।।16।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ