कोविड पर बजरंग प्रार्थना
तोटक छन्द
गणावली- सलगा सलगा सलगा सलगा
हनुमन्त अनन्त प्रताप भरो।
दुख दारुण दाहक ताप हरो।
जग कोविड से यह ग्रस्त हुआ।
हर कोशिश से अब पस्त हुआ।
मिलता इसका उपचार नही।
हर ओर मचा कोहराम यही।
प्रभु मारि गदा शत खण्ड करो।
दुख दारुण दाहक ताप हरो।
जब रोग विषाणु घुला रग में।
प्रभु भीषण त्रास मची जग में।
तुम दैत्य निशाचर मार दिए।
रघुनंदन काज सँवार दिए।
फिर से तुम रूप कराल धरो।
दुख दारुण दाहक ताप हरो।
यह देश घिरा फिर संकट में।
जनता बिलखे इस झंझट में।
कर जोड़ करूँ विनती मन में।
खुशियाँ भर दो घर आँगन में।
यह घातक संकट दूर करो।
दुख दारुण दाहक ताप हरो।
अभिनव मिश्र अदम्य