कोलकाता की मौमीता का बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या….ये तत्
कोलकाता की मौमीता का बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या….ये तत्काल की घटना है,इसलिए खूब शोर शराबा हो रहा है…….वैसे दो चार दिन हो जाने दीजिए…आपको इसका नाम भी याद नही रहेगा….झूठ नही बोल…आपको मनीषा बाल्मीकि याद नही,असीफा याद नही गुड़िया याद नही,तो वो भी याद नही रहेगी …इंसान की याददाश्त ही ऐसी है…दूसरों के साथ घटने वाली घटनाएँ आपकी स्मृति में ज़्यादा दिनों तक टिक नही पाती हैं…..यदि टिक पाती तो आपको ना सुनाई देने वाली चीखे…सोने नही देती…आप बेचैन हो जाते उन ना सुनाई देने वाली चीखो को सुनकर…….
लेकिन जिस दिन वो घटना आपके साथ या आपके किसी अज़ीज़ के साथ हो जाए तब आप की स्मृति में वो छपी रहेगी….जब जब आप ऐसी घटनाएँ सुनेंगे…आपका दर्द हज़ारों गुना बढ़ जाएगा……
Ruby kumari