कोरोना
कोरोना
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यह प्रभु की कैसी माया है ?
गया हुआ जो फिर आया है ?1
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घूम रहा है लेकर खप्पर।
इसका पेट न भर पाया है ।।2
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मुझको तो लगता बहरुपिया ।
इसकी माँ ने क्या खाया है ?3
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भूल नहीं फिर करना भाई ,
कितना सबने समझाया है ?4
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करनी होगी स्वयं सुरक्षा ।
कोरोना फिर बहराया है ।।5
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बली अधिक है ये पहले से ।
रक्त पिपासू भरमाया है ।।6
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‘ज्योति’ लड़ेंगे फिर सब मिलकर ।
खोजें किसने पनपाया है ।। 7
०
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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