***** कोरोना *****
” कोरोना का कहर ”
कैसी ये बिमारी आयी, प्रलय बन दुनिया पर छाई,
ज़हन में जिसने सब के दहशत भर दी
काली सफ़ेद कमाई की जेबें खाली कर दी।
घर घर पहुंचा ये कोरोना, सुनकर दुखड़ा आ जाये रोना !!
किसने जाना था ऐसा भी मंज़र आएगा,
शाक सब्जी छोड़ इंसा जानवर खायेगा,
कहर बरसेगा तब तक सब पर,
जब तक कोई प्रकृति के विरुद्ध जायेगा !!
कोरोना जिसने सबका जीवन नरक बनाया,
जानलेवा बीमारी को न्यौता देकर आखिर कौन है आया?
जन जन पर हावी बिमारी कैसे उभरेगा संसार न जाने,
किस देश में बनेगी दवाई इसकी, इसका मरहम कौन ही जाने !!
बीमारी नहीं यह तो महामारी है,
लोगों की बुरी आदतें भी इसने सुधारी हैँ,
लॉकडाउन में परेशान लोगों के लिए बन पतवार खड़ा हुआ,
वो देश का बेटा सोनू सूद सड़को पर सब के साथ डटा रहा !!
कोरोना ने दुनिया में ऐसा खेल रचाया,
अच्छे-बुरे सही-गलत से पर्दा उठाया,
लाशों के ढ़ेर लगाकर ज़िन्दगी की कीमत समझा दी जिसने,
भूले बिसरे बेटों को घर की राहें दिखला दी इसने !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ