कोरोना
डरने की कोई बात नही है, करते बात सावधानी की।
फिर चाहे हो कोई करोना, कर न सके मनमानी जी।।
खांसते, छींकते रखे रुमाल, धोएं हाँथ साबुन पानी से।
अल्कोहल बेस्ड सेनेटाइजर रखे, पास सदा इत्मीनानी से।।
इस वायरस से बचे बचाये, भीड़ भाड़ में न जानी जी।
फिर चाहे हो कोई कोरोना, कर न सके मनमानी जी।।
नही छुपाए तेज बुखार, गला दर्द और खाँसी को।
डॉक्टर साहब से ले सलाह, सेम्पल दे दो जाँची को।।
दिखने लगे जब ये लक्षण, तुरत उपचार करानी जी।
फिर चाहे हो कोई करोना, कर न सके मनमानी जी।।
जब यह करोना पोजेटिव आये, आईसोलेसन में जाये।
सही तरीके सही देखभाल में, अपना इलाज करावायें।।
इससे सबको बचाने खातिर, सरकार ने है ठानी जी।
फिर चाहे हो कोई करोना, कर न सके मनमानी जी।।
हर रात के बाद सुबह होती, बदलाव हमेशा आता है।
एक जूटता में बड़ी ताकत, सबही भरोसा पाता है।।
आओ मिल सहयोग करें, अब खत्म करें ये कहानी जी।
फिर चाहे हो कोई करोना, कर न सके मनमानी जी।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित १८/०३/२०२०)