Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2021 · 1 min read

कोरोना है जिसका नाम।

शक्ल है ना कोई, धुंधली है पहचान
मौत के रूप में आ रहा अज़ीब मेहमान
अब तो सम्भल जाओ, ना बनो नादान
हल्के में मत लो, कोरोना है जिसका नाम।

लग गए ताले पूरे विश्व पर, सब बंद
रुक गया पूरा संसार जैसे, सब ठप्प
ना कोई गतिविधियाँ, ना ही हलचल
कोरोना का रखा पूरे विश्व ने मान।

ना जाति, ना धर्म, ना अमीरी-ग़रीबी देखे
मास्क, सैनिटायज़र, दो गज की दूरी रखें
नहीं तो ना कफ़न, ना नसीब हो कंधे चार
सच कोरोना है तबाही का ही दूसरा नाम।

उपचार नहीं, तो लापरवाही कभी ना करें
वैक्सीन नहीं, तो सावधानी अवश्य बरतें
रहें सतर्क, अपनी मनमानी ना करें निराधार
कोरोना डटे खड़ा है निधान हाथ को थाम।

फिर टूटेगा ताला, सजेगी रौनक़ चहुँ ओर
फिर उगेगा नव सूरज, खिलेगी नव भोर
गले मिल बाटेंगे ख़ुशी-ग़म और त्यौहार
हौंसले से कोरोना का मिटेगा नामो-निशान।

41 Likes · 70 Comments · 1933 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from कविता झा ‘गीत’
View all
You may also like:
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
DrLakshman Jha Parimal
बचपन
बचपन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आज का युग ऐसा है...
आज का युग ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
लफ्जों के सिवा।
लफ्जों के सिवा।
Taj Mohammad
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
हे वीर कन्या
हे वीर कन्या
Dr.Pratibha Prakash
" मत सोचना "
Dr. Kishan tandon kranti
बांते
बांते
Punam Pande
ओ मैना चली जा चली जा
ओ मैना चली जा चली जा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कुछ ज़ख्म अब
कुछ ज़ख्म अब
Sonam Puneet Dubey
2719.*पूर्णिका*
2719.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*शूल  फ़ूलों  बिना बिखर जाएँगे*
*शूल फ़ूलों बिना बिखर जाएँगे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विश्रान्ति.
विश्रान्ति.
Heera S
*भोजन की स्वच्छ रसोई हो, भोजन शुचि हाथों से आए (राधेश्यामी छ
*भोजन की स्वच्छ रसोई हो, भोजन शुचि हाथों से आए (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम”
1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम”
Sapna Arora
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
Atul "Krishn"
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
नाम हमने लिखा था आंखों में
नाम हमने लिखा था आंखों में
Surinder blackpen
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
किताबों से ज्ञान मिलता है
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
घमंड
घमंड
Ranjeet kumar patre
🙅नफ़ा सिर्फ़ सॉलिड में🙅
🙅नफ़ा सिर्फ़ सॉलिड में🙅
*प्रणय*
मौन
मौन
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तेरी नाराज़गियों से तुझको ठुकराने वाले मिलेंगे सारे जहां
तेरी नाराज़गियों से तुझको ठुकराने वाले मिलेंगे सारे जहां
Ankita Patel
दवा नहीं करते
दवा नहीं करते
Dr fauzia Naseem shad
ढूंढें .....!
ढूंढें .....!
Sangeeta Beniwal
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
पूर्वार्थ
कशिश
कशिश
Shyam Sundar Subramanian
Loading...