कोरोना से जंग
मौत तांडव कर रही है
हम फिर भी सो रहे है
कोई तो समझाए हमें
ये हम क्या कर रहे है।।
चारों तरफ मचा हाहाकार है
जहां देखो डर का माहौल है
इंसान इंसान से भाग रहा है
ऐसे कोरोना से वो डर रहा है।।
किसी को बिस्तर की जरूरत है
तो किसी को है चंद सांसों की
देख रही है जो अपनो की पीड़ा
थोड़ी तो फिक्र करो उन आसों की।।
ज्यादा कुछ नहीं चाहिए उन्हें
बस स्वच्छ हवा ही तो चाहिए
बहुत हो गई इधर उधर की बातें
इस आपदा में तो जाग जाइए।।
चुनाव तो आगे भी आयेंगे
रैलियां बाद में भी हो जायेगी
सांसों को तरस रही है जो
वो जिंदगी फिर ना आएगी।।
अब तो सियासत छोड़कर
साथ मिलकर लड़ना ही होगा
जो आई है ये भयानक आपदा
मिलकर उसे हराना ही होगा।।
मिलकर काम करे हम आज
कल हमारा सुरक्षित होगा
हाथ अगर हम मिलाएंगे तो
आपदा को भी जाना ही होगा।।