कोरोना रूपी रक्तबीज
आज कोरोना रुपी विश्व व्यापक महामारी रक्तबीज दैत्य की तरह फैलती ही जा रही है।इसने सभी को काल का ग्रास बनाया हुआ है।सम्पूर्ण मानवजाति का अस्तित्व ही संकट में डाल दिया है।वर्तमान समय में पुनः माँ काली प्रकट हों और कोरोना रूपी दैत्य का संहार करें।
देवी पुराण के आठवें अध्याय में रक्तबीज राक्षस के चरित्र का वर्णन है।शुभ व निशुम्भ नामक ये बड़े ही मायावी असुर थे।इन्होंने माँ जग्दम्बिका के साथ युद्ध करने के लिए अपने कई महाबली दैत्य को भेजा था।दैत्य भी इतने बलबान कि साधारण मनुष्य एक फूँक में ही भस्म हो जायें पर मां जग्दंबिका ने सभी असुरों का चुटकी में संहार कर दिया। अपने महाबली दैत्यों को माँ जग्दम्बिका द्वारा मारे जाने पर शुम्भ-निशुम्भ बौखला उठे।उन्होंने अपने महाबली सेनापति रक्तबीज को महामायी से युद्ध करने के लिए भेजा।
रक्तबीज एक ऐसा दैत्य था जिसकी एक रक्त गिरने पर कई हजारों वैसे ही रक्तबीज(क्लोन)पैदा हो जाते।माँ जग्दम्बिका तलवार से जैसे ही प्रहार करती और उसके रक्त की जितनी भी बूँदे धरती पर गिरती,हर एक बूँद से हजारों रक्तबीज(क्लोन)प्रकट हो जाते तब माँ जग्दम्बिका ने अपना विकराल काली स्वरूप प्रकट किया जो एक हाथ में फरसा,दूसरे हाथ में मुंड खप्पर और मुंड की माला पहने हैं।माँ का रूप इतना विकट है कि वह काल को ही ग्रास बना लें।माँ काली फरसे रक्तबीज पर प्रहार करती हैं और रक्तबीज का रक्त धरती पर गिरने से पहने ही चट कर जाती हैं।इस प्रकार माँ काली ने रक्तबीज राक्षस का संहार किया।
वर्तमान समय में कोरोना ही रक्तबीज रूपी दैत्य है जो मानव जाति को काल के ग्रास में भेज रहा है।आज मानव संकट की घड़ी में है।हर तरफ त्राहि त्राहि मची है।प्रत्येक मनुष्य अब चाहता है कि इस कोरोना रूपी राक्षस का संहार ईश्वर स्वयं करे।कोरोना के आगे विज्ञान, आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं, धन और ऊर्जा भी असफल हो गये हैं।एकमात्र सहारा सिर्फ़ ईश्वर नजर आता है।
किसी ने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि मनुष्य पशुवत व्यवहार करने लगेगा जिसका दुष्परिणाम यह होगा कि आज पशु तो स्वछंद हैं पर मानव जाति घर रूपी पिंजरे में कैद है।अगर समय रहते ही हम सचेत जाते और पशु-पक्षियों के साथ भी सोहार्दपूर्ण व्यवहार करते तो शायद इतनी बड़ी संख्या में मानव जाति की जान खतरे में न पड़ती।
अभी भी देर नहीं हुई है अगर हम मनुष्यों ने समय रहते अपना रहन-सहन,विचार और आदतें नहीं बदली तों न जाने कोरोना जैसे कितने रोग रूपी राक्षस हमें अपना ग्रास बनाने के लिए बैठे होंगे।अब भी समय है अपनी गलती सुधारने का और ईश्वर से क्षमा माँगने का कि वह इस कोरोना रूपी रक्तबीज का वध करें और जिससे सम्पूर्ण मानवजाति का कल्याण हो सके।
धन्यवाद
©®राधा गुप्ता पटवारी