कोरोना योद्धा
लेकर सभी उर विशाल।
माँ भारती के ये लाल।
अब लड़ रहे देश के लिए,
मिलाकर सब कदम ताल।
चिकित्सक और सिपाही।
बने हैं अब दोनों हमराही।
दिन – रात जो लगे हुए हैं,
जज्बा है उनका कमाल।
चिकित्सक हुए ईश्वर रूप।
योगदान है उनका अनूप।
विकट घड़ी में बने हुए हैं,
जनता की अभेद्य ढाल।
नींद हुआ आँखों से दूर।
जनसेवा का बस है सुरूर।
चले प्राण बचाने औरों के,
निज प्राण संकट में डाल।