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25 Dec 2020 · 1 min read

कोरोना मैं मौन हूँ , अनभिज्ञ नहीं

कोरोना काव्य प्रतियोगिता हेतु :-

शीर्षक :- कोरोना मैं मौन हूँ , अनभिज्ञ नहीं !

मौन हूँ , तो मैं अनजान नहीं ,
चुप हूँ, तो क्या मेरा पहचान नहीं ।
कोरोना तेरे कारण खुला हुआ बाज़ार
और दुकान नहीं ,
तू कोरोना जायेगा, तुम से डरने वाला
हमारा हिन्दुस्तान नहीं ।

प्रेम है , अभिमान नहीं ,
व्यर्थ हमारा ज्ञान नहीं ।
पीछे हटा मेरा कला और विज्ञान नहीं ,
तू जायेगा कोरोना
इसलिए मौन हूं , पर अज्ञान नहीं ।

हूँ हम रोशन बेरोज़गार पर चीन तुम्हारे जैसा
हम भारतीय बेईमान नहीं ,
मार – काट करने पर हमारा ध्यान नहीं ,
तू क्या समझा कोरोना ,
तुम्हारे भगाने के लिए कोई विद्वान नहीं ।।

बन रही है सुझाव चुपके से , अभी कहीं भान नहीं ,
इसलिए मौन हूँ , तो क्या मेरे होंठों पर मुस्कान नहीं ।
बंद है भारत दुनिया के साथ तो क्या हुआ
तू कोरोना महान नहीं ,
कष्ट दूर करेंगे प्रभु , तू क्या समझा हम मानव के
लिए भगवान नहीं ।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता,
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,

7 Likes · 34 Comments · 644 Views

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