कोरोना में हाल बुरा है
एक विषाणु विदेशी आया, देख संक्रमण मन घबराया!
घर में नजरबंद हुए सब, सकल विश्व संकट गहराया!!
वक्त मानों थम सा गया है, ये कोरोना जम सा गया है!
हर लिया प्रकाश किसी ने, छा जैसे कोई तम सा गया है!!
देख विषाणु के तांडव को, सब लोगों का हाल बुरा हैं!
जगजीवन है अस्त-व्यस्त सा, ये कोरोना काल बुरा है!!
सर्दी- खाँसी बुखार लक्षण, स्वाद सुवास करता तक्षण !
लापरवाही ना बरतो तुम, वर्ना कर लेगा यह भक्षण !!
हो साँस लेने में कठिनाई, अस्पताल का रूख करो भाई!
खराश गले में आए गर तो, देगी दुरुस्ती गरारे रोजाई !!
स्वस्थ पौष्टिक थाल पुरा है, अल्प प्रतिरक्षा जाल बुरा है!
प्रकृति ने पलटी है मारी या, यह कोरोना काल बुरा है!!
भीड़- भाड़ है मीठी छुरी , मास्क लगाना अति जरूरी!
सावधानी बरतना तुम पूरी, बनाएं रखना दो गज दूरी!!
बार – बार हाथों को धोना, डर कर भागेगा कोरोना !
हाथ मिलाना ना किसी से, थुकने को ढूँढो ना कोना !!
इन सबका है एक ही सार, बनों नागरिक जिम्मेदार!
बदलकर अपना व्यवहार, करेंगे कोरोना पर वार!!
महँगाई ने पाँव पसारे, अर्थव्यवस्था का हाल बुरा है!
जगजीवन सब अस्त-व्यस्त, ये कोरोना काल बुरा है!!
रेखा कापसे होशंगाबाद मप्र
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