Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Dec 2020 · 1 min read

कोरोना का कीड़ा

कोरोना का हर तरफ ऐसा है खौफ
बाकी रोगों की नहीं हो रही बात
रिश्ते नाते सब हो रहे बेजार
कौन अपना है कौन पराया
इसकी हो रही है पहचान
कोरोना का कीड़ा घुस गया है
दिलों दिमाग में इस तरह
कि मानवता भी हो गयी शर्मशार
खुन के रिश्ते भी मुंह मोड़ बैठे
तो गैरों को क्या कहना
रोग हो जाये भले कोई और
सबको लगे कोरोना का ही है वार
कोविड नेगेटिव का मांगें प्रमाणपत्र
हम तो अपने हैं- कहने वाले
मुंह चुराते फिरे सैकड़ों वार
सच ही कहा टैगोर जी ने
एकला चलो रे
एकला चलो रे….

स्वरचित
रश्मि
कोलकाता

20 Likes · 101 Comments · 991 Views

You may also like these posts

हम कुछ कार्य करने से पहले बहुत बार कल्पना करके और समस्या उत्
हम कुछ कार्य करने से पहले बहुत बार कल्पना करके और समस्या उत्
Ravikesh Jha
ओ माँ मेरी लाज रखो
ओ माँ मेरी लाज रखो
Basant Bhagawan Roy
★भारतीय किसान ★
★भारतीय किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
इश्क का वहम
इश्क का वहम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
भक्ति गीत
भक्ति गीत
Arghyadeep Chakraborty
फ़ासले ही फ़ासले हैं, मुझसे भी मेरे
फ़ासले ही फ़ासले हैं, मुझसे भी मेरे
Shreedhar
जिंदगी की ऐसी ही बनती है, दास्तां एक यादगार
जिंदगी की ऐसी ही बनती है, दास्तां एक यादगार
gurudeenverma198
व्यंग्य कविता-
व्यंग्य कविता- "गणतंत्र समारोह।" आनंद शर्मा
Anand Sharma
धरा और इसमें हरियाली
धरा और इसमें हरियाली
Buddha Prakash
मेरे सपनो का भारत
मेरे सपनो का भारत
MUSKAAN YADAV
3866.💐 *पूर्णिका* 💐
3866.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"स्टिंग ऑपरेशन"
Dr. Kishan tandon kranti
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
🙅आज का ज्ञान🙅
🙅आज का ज्ञान🙅
*प्रणय*
रखो भावना श्रेष्ठ
रखो भावना श्रेष्ठ
लक्ष्मी सिंह
दीपावली की असीम शुभकामनाओं सहित अर्ज किया है ------
दीपावली की असीम शुभकामनाओं सहित अर्ज किया है ------
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सिकन्दर बन कर क्या करना
सिकन्दर बन कर क्या करना
Satish Srijan
अब हर्ज़ क्या है पास आने में
अब हर्ज़ क्या है पास आने में
Ajay Mishra
विश्वास करो
विश्वास करो
Dr. Rajeev Jain
'प्रेम पथ की शक्ति है'
'प्रेम पथ की शक्ति है'
हरिओम 'कोमल'
*पूजा में चढ़ते मधुर, चंपा के शुभ फूल (कुंडलिया)*
*पूजा में चढ़ते मधुर, चंपा के शुभ फूल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए...
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए...
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता
जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता
पूर्वार्थ
टपरी पर
टपरी पर
Shweta Soni
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
हर मोड़ पर कोई न कोई मिलता रहा है मुझे,
हर मोड़ पर कोई न कोई मिलता रहा है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं  बड़े-बड़े ख्वाब
यूं बड़े-बड़े ख्वाब
Chitra Bisht
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सर्द
सर्द
Mamta Rani
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...