कोरोना पर ग़ज़ल
कोरोना पर ग़ज़ल
(1)
मौत पर मौत लगातार ख़ुदा ख़ैर करे ।
ये पसरता हुआ आज़ार ख़ुदा ख़ैर करे ।
(2)
मौत को साथ लिये ख़ौफ़ कहर बरपाता
संग-दिल कोई गुनहगार ख़ुदा ख़ैर करे ।
(3)
लाश पर लाश बिछाई है उसी ज़ालिम ने
दिल हुआ जाता है बेज़ार ख़ुदा ख़ैर करे ।
(4)
छूत का रोग महामारी* विकट कोरोना
कह रहे लोग समझदार ख़ुदा ख़ैर करे ।
(5)
हालिया वक़्त करारा है बहुत मारक है
जानलेवा ये करे वार ख़ुदा ख़ैर करे ।
(6)
ख़्वाहिशें और ज़रा ज़ब्त किये रख दिल में
हैं ख़तरनाक ये दिन चार ख़ुदा ख़ैर करे ।
(7)
वक़्त मुश्किल है अभी छू न मुझे दूरी रख
कुछ न हो जाय ख़बरदार ख़ुदा ख़ैर करे ।
पंजीकृत प्रतिलिप्याधिकार:
—नन्दकिशोर दुबे, इन्दौर-452 018