कोरोना जड़ से खोना
कोरोना जड़ से खोना
एहतियात बरतना राय मानना, देश छोड़कर जाना नहीं
अफवाहों से तुम दूर रहो, भ्रमित प्रचार फैलाना नहीं।
हाथ जोड़कर करो नमस्ते, सब से हाथ मिलाना नहीं
खुद की रखो तुम साफ-सफाई, कोरोना तुम फैलाना नहीं।।
साफ-सफाई रखेंगे, विचलित हमको नहीं होना है
कोरोना विषाणु अपने देश से, जड़ से हमको खोना है।।
महामारी फैली है कोरोना, दुनिया में डर छाया है
वैध लगे है दवा ढूँढने, भय मस्तिष्क में आया है।
खतरनाक है इसका विषाणु, चमगादड़ में पाया है
वुहान चीन में सबसे पहले, संक्रमित नर पाया है।।
साफ-सफाई रखेंगे, विचलित हमको नहीं होना है
कोरोना विषाणु अपने देश से, जड़ से हमको खोना है।।
एहतियात बरतना राय मानना, देश छोड़कर जाना नहीं
अफवाहों से तुम दूर रहो, भ्रमित प्रचार फैलाना नहीं।
साफ-सफाई रखेंगे, विचलित हमको नहीं होना है
कोरोना विषाणु अपने देश से, जड़ से हमको खोना है।।
श्वसन तंत्र मजबूत बनाओ, भय से तुम डर जाना नहीं
प्यार से मिलकर रहो अपनों में, इससे तुम घबराना नहीं।
ताप बढ़ेगा और ये घटेगा, संताप यूँ मन लाना नहीं
जल्दी होगा इसका निवारण, विचलित तुम हो जाना नहीं।।
साफ-सफाई रखेंगे, विचलित हमको नहीं होना है
कोरोना विषाणु अपने देश से, जड़ से हमको खोना है।।
जब आए कफ-खासी तुमको, मुँह पर कपड़ा लगाना है
छींकना नहीं है बिना रुमाल, आपस में सब को बताना है।
स्पर्श करो नहीं द्वारों को, कंधे से धक्का लगाना है
बार-बार धोना है हाथ, साबुन हाथों में लगाना है।।
मिलकर करेंगे इसका सफाया, भयभीत नहीं हमें होना है
कोरोना विषाणु अपने देश से, जड़ से हमको खोना है।।
एहतियात बरतना राय मानना, देश छोड़कर जाना नहीं
अफवाहों से तुम दूर रहो, भ्रमित प्रचार फैलाना नहीं।
साफ-सफाई रखेंगे, विचलित हमको नहीं होना है
कोरोना विषाणु अपने देश से, जड़ से हमको खोना है।।
रचनाकार: ©® अरविंद भारद्वाज झाल