Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Apr 2020 · 2 min read

कोरोना गीत

गो कोरोना, गो कोरोना….

ये करो ना वो करो ना
क्या करो और क्या करो ना
आयी कैसी मनहूस घड़ी ये
जां साँसत में आ रहा रोना
गो कोरोना, गो कोरोना….

साथ न रहना साथ न सोना
सोते लेकर अलग बिछोना
हाथ भी धोते रगड़-रगड़ कर
हो न जाए कुछ अनहोना
गो कोरोना, गो कोरोना…

बाहर न जाते मास्क लगाते
अपने ही घर में गश्त लगाते
बड़ी वीरानगी पसरी हर सूं
सूना जग का कोना-कोना
गो कोरोना, गो कोरोना…

प्रच्छन्न रूप में क्यों तुम आये
घात भी करते नज़र चुराये
कौन जनम का बैर हो पाले
हिम्मत हो तो खुलके कहो ना
गो कोरोना, गो कोरोना…

भेजे हो किसके कुछ तो बोलो
चुप न रहो यूँ राज तो खोलो
लड़ो वीर से समर-भूमि में
छुपछुपकर यूँ वार करो ना
गो कोरोना, गो कोरोना…

लगते कोई असुर मायावी
नजर न आए कहीं छाया भी
अमूर्त रूप में काल बन आए
करते हो क्या जादू-टोना
गो कोरोना, गो कोरोना…

जिसकी शह पे तुम यहाँ आए
लाज उसे क्या जरा न आए
वजूद उसका कितना बौना
खेल रहा जो खेल घिनौना
गो कोरोना, गो कोरोना…

जहाँ से आए जाओ वहीं अब
बेवजह यूँ न सताओ हमें अब
कुछ तो अपना मान भी रखो
ढीठ से आखिर जमे रहो ना
गो कोरोना, गो कोरोना…

लॉक डाउन हुए हम घर में
अपराधी से अपनी नजर में
बिन गलती के दण्ड मिले तो
कहो, आए न किसको रोना
गो कोरोना, गो कोरोना

निज गृह में हम बंदी तुम्हारे
कैदी- जीवन जीते हारे
बहुत हुआ अब बस भी करो ना
कैद से अपनी मुक्त करो ना
गो कोरोना, गो कोरोना…

-डॉ.सीमा अग्रवाल
सी-89, जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद (उ.प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 10 Comments · 475 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
पूर्वार्थ
मात-पिता गुरु का ऋण बड़ा, जन्मों न चुक पाए
मात-पिता गुरु का ऋण बड़ा, जन्मों न चुक पाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Falling Out Of Love
Falling Out Of Love
Vedha Singh
सोने के सुन्दर आभूषण
सोने के सुन्दर आभूषण
surenderpal vaidya
साल को बीतता देखना।
साल को बीतता देखना।
Brijpal Singh
जब अकेले ही चलना है तो घबराना कैसा
जब अकेले ही चलना है तो घबराना कैसा
VINOD CHAUHAN
सत्य की खोज
सत्य की खोज
लक्ष्मी सिंह
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
शेखर सिंह
कभी बारिशों में
कभी बारिशों में
Dr fauzia Naseem shad
हम हरियाला राजस्थान बनायें
हम हरियाला राजस्थान बनायें
gurudeenverma198
..
..
*प्रणय*
सही कदम
सही कदम
Shashi Mahajan
4703.*पूर्णिका*
4703.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
25)”हिन्दी भाषा”
25)”हिन्दी भाषा”
Sapna Arora
गजब हुआ जो बाम पर,
गजब हुआ जो बाम पर,
sushil sarna
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मज़लूम ज़िंदगानी
मज़लूम ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
ज़रूरी नहीं के मोहब्बत में हर कोई शायर बन जाए,
ज़रूरी नहीं के मोहब्बत में हर कोई शायर बन जाए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
....ऐ जिंदगी तुझे .....
....ऐ जिंदगी तुझे .....
Naushaba Suriya
एक बार होता है
एक बार होता है
Pankaj Bindas
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
Neelofar Khan
I want to collaborate with my  lost pen,
I want to collaborate with my lost pen,
Sakshi Tripathi
"जिन्दादिल"
Dr. Kishan tandon kranti
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
*नहीं हाथ में भाग्य मनुज के, किंतु कर्म-अधिकार है (गीत)*
*नहीं हाथ में भाग्य मनुज के, किंतु कर्म-अधिकार है (गीत)*
Ravi Prakash
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आकाश दीप - (6 of 25 )
आकाश दीप - (6 of 25 )
Kshma Urmila
बदलता चेहरा
बदलता चेहरा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
Rj Anand Prajapati
Loading...