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10 Jul 2021 · 1 min read

कोरोना के दौर में

किसी ने जमीन बेच दी कोरोना के दौर में
किसी ने जमीर बेच दी कोरोना के दौर में

कोई जूझ रहा था ऑक्सीजन के लिये
तो किसी ने ऑक्सीजन बेच दी कोरोना के दौर में

कोई बाट रहा था गरीबो को खाना
मुनाफाखोरों ने ईमानदारी बेच दी कोरोना के दौर में

कोई रोता रहा सिसक सिसक के अपनो के लिए
तो किसी ने शमशान की लकड़िया बेच दी कोरोना के दौर में

वो खींचते रहे लाशो के फोटो करते रहे गिनती लाशो की
देश को किया बदनाम खाके रिस्वत विदेशो की
देश द्रोहियो ने आत्मा बेच दी कोरोना के दौर में

कोई जागता रहा आपके ओर हमारे लिए दिनरात
कुछ राजनेताओ ने इंसानियत बेच दी कोरोना के दौर मे

गिद्ध सोच रहे थे खाऊ की नही खाऊ
इंसान इन्सान को खा गए कोरोना के दौर में
नीलेश गुप्ता

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 359 Views
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