कोरोना के दोहे
मन का मनका फेर हुआ, कोरोना के इस काल मे,
अपने आप को जान लो, ध्यान के अभ्यास से ।।
मास्क लगा, हाथ को धो, दो समय मे भांप लो,
उचित दूरी बना कर, कोरोना को नष्ट करो।।
बिन कारण घर से निकले, आज पाप कहलाये
घर बैठे कर्म करो, यही राष्ट्र भक्त कहलाये ।।
आनंदश्री यह कहते हैं, समस्या की तलाशी लो,
अवसर बनकर आ जाता है, दुख के भेष में।।
-प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री