कोरोना किसी को हो ना
छूकर लेती प्राण छीन ये,
हाय किसी को हो ना।
आयी नई बीमारी जग में
जिसका नाम कोरोना ।
वुहान चीन को करके पार,
व्यापी विश्व सकल संसार।
इतनी घातक सर्दी खांसी,
हिल जाता सांसों का तार।
विपदा महा विकट घड़ी ये,
अपनों की करती पहचान।
लीन चिकित्सक सेवा में है,
तत्परता से पुलिस जवान।
औरों ने भर अपनेपन से,
रख ली नम नैनों की लाज,
धन्य हुई माता वह जनकर,
मानवता के सिर के ताज।
‘चन्दन’ हाथ बढ़ाओ आगे,
तुम भी मदद करो ना ।
आयी नई बीमारी जग में,
जिसका नाम कोरोना ।
-चन्दन कुमार ‘मानवधर्मी’
आजमगढ़।