!!!! कोरोना का काल है !!!!
कोरोना का काल है ,मन में उठते सवाल है ।
नियमों व शर्तों पर चलेंगे मिलकर हम ,
बदलनी पड़ेगी अपनी चाल है ।
जीवन को धन माने ,इसकी कीमत पहचाने ।
बचे और बचाए ओरों को,
कोरोना फैलाता जा रहा जाल है।।
बुजुर्गों से सुना करते थे, हमारे बचपन में कई मरा करते थे ।
आज उन्हीं बुजुर्गों को कोरॉना ने बनाई ढाल है।।
महामारी दिनोंदिन बढ़ रही दुनिया जिससे जंग लड़ रही,
जो खोज पाएगा इसका समाधान व्यक्ति वही होगा बेमिसाल है।।
वैद्य ,हकीम ,शासन जो दे रहे हमें सुझाव है।
पालन करना कर्तव्य हमारा ,गुजरा अभी तो आधा साल है।।
क्यों भीड़ लगाएं ,काम को सुगमता से कर पाए,
नेट इंटरनेट से घर- घर पहुंच जाता माल है।।
“अनुनय “सुरक्षा के साथ साथ,
घर परिवार, गांव शहर ,देश का भी
सबका रखना हमें ख्याल है ।।
कोरोना का काल है ।।
राजेश व्यास अनुनय