कोरोना का असर –आर के रस्तोगी
सारे शहर में सन्नाटा है, सड़के सूनी पड़ी है |
देखो कुदरत की इंसान पर कैसी मार पड़ी है ||
पत्नियाँ मोज़े ले रही है, पति रसोई में खड़े है |
देखो कैसे बुरा बक्त आया है,बर्तन धोने पड़े है ||
मेट्रो बंद है,बसे बंद है,सब अपनी जगह खड़ी है |
देखो यात्रियों पर, ये कैसी अदुभुत मार पड़ी है ||
पूजा स्थल सारे बंद पड़े है,भगवान अस्पतालों में खड़े है |
देखो भगवान भक्तो की पूजा कर रहे जो बिस्तरो पर पड़े है ||
स्कूल बंद है,कालिज बंद है,अध्ययन बंद पड़ा है |
देखो भैया परीक्षा कैसे होगी,मन में द्वंद पड़ा है ||
उद्योग बंद है उत्पादन बंद है,सबको अपनी पड़ी है |
देखो भैया,अब सारे विश्व में मंदी मुहं बाएँ खड़ी है ||
सारे कवि मंच बंद पड़े है ,कवि ही अकेले मंच पर खड़े है |
श्रोताओ का नामो निशान नहीं है तालियों के लाले पड़े है ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)