Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2024 · 1 min read

कोरोना आपदा

कोरोना क़हर बन टूटा है,
मानव का सर्वज्ञ होना झूठा है।

चारों तरफ़ हाय हाय है,
साधनसंपन्न देश भी असहाय हैं।

दुनिया विपदा में पड़ी है,
मानवता के लिए मुश्किल की घड़ी है।

कुछ लोग गिद्ध की तरह लाशों को नोचते हैं,
और विपदा में भी अवसर की सोचते हैं।

अवसर है धन संपत्ति कमाने का,
विचार, भूखों को भी खा जाने का।

नियत सहायता सामग्री को भी चरने की,
मनसा चंदा तक को हज़म करने की।

चोर, उच्चके, लुटेरे इसमें अवसर पाते हैं,
तभी तो ऐसे मौक़ों का फ़ायदा उठाते हैं।

और राजनीति तो जैसे विपदा में भी अपवाद है,
तभी तो कभी ना ख़त्म होने वाली मवाद है।

सब ख़त्म हो रहा है नहीं देखना चाहते,
अब भी सत्ता के लिए गोटियाँ जमाते हैं।

मानवता पर विपदा की घड़ी है,
इन्हें अब भी सत्ता की पड़ी है।

औरों को क्या करना चाहिए बताते हैं,
सिर्फ़ उपदेशक हैं, खुद कुछ नहीं करना चाहते हैं।

73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Khajan Singh Nain
View all
You may also like:
मेरे पास फ़ुरसत ही नहीं है.... नफरत करने की..
मेरे पास फ़ुरसत ही नहीं है.... नफरत करने की..
shabina. Naaz
ग्रहस्थी
ग्रहस्थी
Bodhisatva kastooriya
बाल कविता: वर्षा ऋतु
बाल कविता: वर्षा ऋतु
Rajesh Kumar Arjun
एक ख़्वाब सी रही
एक ख़्वाब सी रही
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल _ पास आकर गले लगा लेना।
ग़ज़ल _ पास आकर गले लगा लेना।
Neelofar Khan
4822.*पूर्णिका*
4822.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के भेद
Neelam Sharma
दौर - ए - कश्मकश
दौर - ए - कश्मकश
Shyam Sundar Subramanian
*स्वस्थ देह का हमें सदा दो, हे प्रभु जी वरदान (गीत )*
*स्वस्थ देह का हमें सदा दो, हे प्रभु जी वरदान (गीत )*
Ravi Prakash
सुंदर सुंदर कह रहे, सभी यहां पर लोग
सुंदर सुंदर कह रहे, सभी यहां पर लोग
Suryakant Dwivedi
*दिल में  बसाई तस्वीर है*
*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"हां, गिरके नई शुरुआत चाहता हूँ ll
पूर्वार्थ
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
Keshav kishor Kumar
बाघ संरक्षण
बाघ संरक्षण
Neeraj Agarwal
बिछोह
बिछोह
Shaily
चांद पर पहुंचे बधाई,ये बताओ तो।
चांद पर पहुंचे बधाई,ये बताओ तो।
सत्य कुमार प्रेमी
वैसे तो होगा नहीं ऐसा कभी
वैसे तो होगा नहीं ऐसा कभी
gurudeenverma198
बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर
बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
उम्मीद का टूट जाना
उम्मीद का टूट जाना
हिमांशु Kulshrestha
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
©️ दामिनी नारायण सिंह
गल माला है काठ की,
गल माला है काठ की,
sushil sarna
आसान होती तो समझा लेते
आसान होती तो समझा लेते
रुचि शर्मा
प्यारा भारत देश हमारा
प्यारा भारत देश हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
Vijay kumar Pandey
मैं बेबस सा एक
मैं बेबस सा एक "परिंदा"
पंकज परिंदा
मं
मं
*प्रणय*
वो गिर गया नज़र से, मगर बेखबर सा है।
वो गिर गया नज़र से, मगर बेखबर सा है।
Sanjay ' शून्य'
"जुनून"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...