“कोरोनावायरस को दूर भगाना”
थोड़े दिन घर से मत निकलो बाहर सभी
अपनी देखभाल के साथ घरवालों का खयाल रखो
जिंदगी की आपाधापी में रिश्तों की डोर प्रेम से कसकर अपनों-संग बैठो बतिया लो
मिला वक्त कुछ देर मुट्ठी में कर लो बंद
फिसल न जाए कहीं रेत सा
गृहस्थी की नैय्या प्रेम से चलाने का वक्त मिला है
संडे वाले पापा को अब पूरा दिन मिला बच्चों के संग खेलने का ना गँवाना इसे किसी भी हाल
बुज़ुर्गों से उनकी आँखों में कैद अनुभवरूपी अनगिनत कहानियाँ सुन लो
सच्ची बहुत-कुछ पाने का वक़्त मिला है गँवाना-मत इसे
कोरोनावायरस अपने हाथों से ही दूर-भगाना