कोरे कागज़ पर लिखें अक्षर,
कोरे कागज़ पर लिखें अक्षर,
शब्दों में बदल कर
कविता बन जाते है,
दुख के आंसू शब्दों में,
कागज़ गलकर,
कलम चलकर कविता बन जाते है,
बरसात की बूंदों का गिरना,
हाथों की लकीरों का उभरना,
एक आदमी के जीवन का,
पल-पल चल कर कविता बन जाते है,
भूख से तड़पते,
खेतों के हल चलकर,
दिल के अरमान टूटकर,
फिर संभल कर कविता बन जाते है।।अनिल”अबीर”