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5 Jun 2024 · 1 min read

कोमलता

कोमलता (वर्ण पिरामिड)

जो
मन
कोमल
मधुरिम
शीतल शांत
प्रेम रस कांत
वही हमेशा होत
सदा शिवधारी
कृष्णमुरारी
जयकारी
अद्भुत
नित
है।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 30 Views
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