कोई __ बताएगा__ गजल/ गीतिका
मेरे अरमान कब पूरे होगे__ कोई बताएगा।
वादों की जंजीरों में सबने जकड़ा__
कब आजादी मुझको दोगे_ कोई बताएगा।।
दादा _ परदादा के जमाने से_ बदले न हालात मेरे।
कैसे हल होंगे सवालात__ कोई बताएगा।।
कितनी बारिशों में टूटी _ बही झोंपड़ी मेरी।
कब तक मिलेगी छत पक्की_ कोई बताएगा।।
समस्याओं का अंबार लगा है_ सामने मेरे।
कैसे सुलझाऊं इनको __ कोई बताएगा।।
दम से ज्यादा पढ़ाया _ मां बाप ने मुझे।
बैरोजागार हूं कर्जा कैसे उतारूं_ कोई बताएगा।।
अमीरी _ गरीबी की खाई पट नहीं पा रही जमाने में।
“समता”कैसे आए समाज में__ कोई बताएगा।।
हम तो जैसे तैसे गुजार देंगे _ शेष बची जिंदगी।
सकून नव पीढ़ी कैसे भोगे__ कोई बताएगा।।
राजेश व्यास अनुनय