कोई हर्ज नही मुझको
‼कोई हर्ज नही मुझको‼
तुम अपने मन्दिर,
वो अपनी मस्जिद,
पर यकीन रखे,,,
कोई हर्ज नही मुझको,,,,
कोई गुरुग्रन्थ पढे,
कोई रोज प्रे करे,
जिसे जो लगे वो करे,,
कोई फर्क नही मुझको,,,,
बस मेरे हाथों को,
मेरे जैसे इंसान के हाथों में,
रहने दो दुनिया बालो,
मनु इससे ज्यादा क्या कहे तुझको,,
〽मानक लाल मनु〽