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9 Jun 2024 · 1 min read

कोई शाम तलक,कोई सुबह तलक

कोई शाम तलक,कोई सुबह तलक
तेरी याद में ज़िंदा रहता है
कोई आँख की मोती चुनता है
कोई दर्द सा रिसता रहता है

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