Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

कोई वजह अब बना लो सनम तुम… फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!

तुम्हें भूलना मुश्किल लगे क्यूँ ,
खुद को भूलना इतना आसान क्यूँ ,
तुम ही तुम बसी हो क्यूँ यादों में अब भी,
तुम ही तुम हो क्यूँ सवालों में अब भी,
समझ से परे है बेचैनी मेरी..
मैं तुझ में खोया हूं या तुम मुझ में हो समायी,
किसकी बद्दुऊआओ का असर है बता दो..
तुम मुझसे दूर इतनी दूर क्यूँ हो गई हो,
कोई बहाना बना लो सनम तुम मेरी जिंदगी में फिर लौट आने की,
दिल में है अरमान दब से गए हैं जगा दो इन्हें दिल में आकर सनम तुम,
तुम मुझसे जुदा हो, मैं tujhse खफा हूं,
तू ही बता अब क्या हम मिले थे सिर्फ बिछड़ जाने को..
कोई वजह अब बना लो सनम तुम… फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
❤️ Love Ravi ❤️

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 88 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
देख स्वप्न सी उर्वशी,
देख स्वप्न सी उर्वशी,
sushil sarna
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
Mamta Rani
जिन्हें
जिन्हें "हिंसा" बचपन से "घुट्टी" में मिला कर पिलाई जाएगी, वे
*प्रणय*
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
"बेल"
Dr. Kishan tandon kranti
खानाबदोश
खानाबदोश
Sanjay ' शून्य'
2751. *पूर्णिका*
2751. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
**जाते-जाते वो हम से वफ़ा कर गए**
**जाते-जाते वो हम से वफ़ा कर गए**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कविता जीवन का उत्सव है
कविता जीवन का उत्सव है
Anamika Tiwari 'annpurna '
तुम ऐसे उम्मीद किसी से, कभी नहीं किया करो
तुम ऐसे उम्मीद किसी से, कभी नहीं किया करो
gurudeenverma198
महफिलों में अब वो बात नहीं
महफिलों में अब वो बात नहीं
Chitra Bisht
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
शेखर सिंह
“जब से विराजे श्रीराम,
“जब से विराजे श्रीराम,
Dr. Vaishali Verma
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"" *गीता पढ़ें, पढ़ाएं और जीवन में लाएं* ""
सुनीलानंद महंत
फीका त्योहार !
फीका त्योहार !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
सफलता और खुशी की कुंजी हमारे हाथ में है, बस हमें उस कुंजी का
सफलता और खुशी की कुंजी हमारे हाथ में है, बस हमें उस कुंजी का
Ravikesh Jha
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
पूर्वार्थ
*माता (कुंडलिया)*
*माता (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अच्छा होगा
अच्छा होगा
Madhuyanka Raj
याद हो बस तुझे
याद हो बस तुझे
Dr fauzia Naseem shad
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
Sonam Puneet Dubey
हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?
हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?
Ajit Kumar "Karn"
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
Vijay kumar Pandey
किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों हमसफ़र,
किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों हमसफ़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
क्युं बताने से हर्ज़ करते हो
क्युं बताने से हर्ज़ करते हो
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
Loading...