कोई रिश्ता निभाया जा रहा है
कोई रिश्ता निभाया जा रहा है
मुझे फिर से बुलाया जा रहा है
पड़ीं हैं नींव में चुपचाप ईंटे,
भले बोझा बढाया जा रहा है
अभी कुछ शांत हैं लहरें वहाँ पर,
उन्हें पत्थर दिखाया जा रहा है
नहीं है पास उनके एक छत भी,
महल का गीत गाया जा रहा है
यहाँ जयचंद हों या मीरजाफर
उन्हें सिर पर बिठाया जा रहा है
बिठाना था जिन्हें पलकों पे’ हर पल,
उन्हें घर से भगाया जा रहा है
जरा सा हाथ सूरज का हटा क्या,
कि मुझसे दूर साया जा रहा है