कोई मरहम
कोई मरहम असर नहीं करता ।
वक़्त भी अब ज़ख़्म नहीं भरता ।।
तेरी आदत में ढल गया शायद ।
कोई शिकवा अब दिल नहीं करता ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
कोई मरहम असर नहीं करता ।
वक़्त भी अब ज़ख़्म नहीं भरता ।।
तेरी आदत में ढल गया शायद ।
कोई शिकवा अब दिल नहीं करता ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद