कोई भी व्यक्ति अपने आप में परिपूर्ण नहीं है,
कोई भी व्यक्ति अपने आप में परिपूर्ण नहीं है,
किसी में कोई गुण है तो कुछ और की कमी है!
सभी गुणों से सम्पन्न इक्का-दुक्का ही कोई होगा,
बस वक़्त के साथ ग्रहण करते चलें ग्राह्य जो भी है!
…. अजित कर्ण ✍️
कोई भी व्यक्ति अपने आप में परिपूर्ण नहीं है,
किसी में कोई गुण है तो कुछ और की कमी है!
सभी गुणों से सम्पन्न इक्का-दुक्का ही कोई होगा,
बस वक़्त के साथ ग्रहण करते चलें ग्राह्य जो भी है!
…. अजित कर्ण ✍️