कोई बोले नहीं सुन ले, होता है कब कहां
कोई बोले नहीं सुन ले, होता है कब कहां
देखा जो हमने मात को, होता है सच यहां
पढ़ लेती है हर बात को, अपने अहसास से
आई थी वो कल रात को, बन के है रब जहां।।
सूर्यकांत
कोई बोले नहीं सुन ले, होता है कब कहां
देखा जो हमने मात को, होता है सच यहां
पढ़ लेती है हर बात को, अपने अहसास से
आई थी वो कल रात को, बन के है रब जहां।।
सूर्यकांत