कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
कोई बात नहीं अभी दिन है बुरे,ये दिन भी गुजर जायेंगे कभी।
कोई साथ नहीं तो कोई बात नहीं, खुशी भी मिलेगी कभी ना कभी।।
कोई बात नहीं अभी दिन है बुरे—————-।।
बेकार गई मिन्नत जो की, किसी ने सुनी नहीं दर्दे- जुबां।
कह दी सबने अपनी मजबूरी, बहार आयेगी कभी ना कभी।।
कोई बात नहीं अभी दिन है बुरे—————–।।
देना नहीं कोई चाहता यहाँ, अपने सुख का कुछ अंश तुम्हें।
अंतर है कथनी- करनी में, चिराग जलेगा कभी ना कभी।।
कोई बात नहीं अभी दिन है बुरे—————–।।
भूखे हैं यहाँ सभी दौलत के, रिश्ता है इनका दौलत से।
ईमान से इनको मतलब नहीं, इंसाफ मिलेगा कभी ना कभी।।
कोई बात नहीं अभी दिन है बुरे—————-।।
अभी नहीं खत्म हुई जिंदगी, जिन्दा है ख्वाब अभी तो बहुत।
होगी विजय तेरी भी कभी, महकेगा गुलशन कभी ना कभी।।
कोई बात नहीं अभी दिन है बुरे—————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)