Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2024 · 1 min read

– कोई परिचित सा अपरिचित हुआ –

– कोई परिचित सा अपरिचित हुआ –
बेगाना हुआ अनजाना हुआ,
विपत्ति में देखकर मुझको मेरा अपना मुख मोड़ गया,
दिल तोड़ गया रिश्ता तोड़ गया,
मेरे मन में जो जगह थी उसकी ,
जहा जगह थी उसकी,
वो जगह से गिर गया,
मेरे मन को शीशे की भाति तोड़ गया,
मुश्किल हालात में वो हाथ छोड़ गया,
हाथ छोड़ गया साथ छोड़ गया,
कोई परिचित सा अपरिचित हुआ,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फोन:-एक श्रृंगार
फोन:-एक श्रृंगार
पूर्वार्थ
माना जिंदगी चलने का नाम है
माना जिंदगी चलने का नाम है
Dheerja Sharma
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* पत्ते झड़ते जा रहे *
* पत्ते झड़ते जा रहे *
surenderpal vaidya
संत रविदास!
संत रविदास!
Bodhisatva kastooriya
"अनमोल"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅सियासी सोनोग्राफी🙅
🙅सियासी सोनोग्राफी🙅
*प्रणय प्रभात*
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
उनके जख्म
उनके जख्म
'अशांत' शेखर
पृथ्वी की दरारें
पृथ्वी की दरारें
Santosh Shrivastava
जिंदा हूँ अभी मैं और याद है सब कुछ मुझको
जिंदा हूँ अभी मैं और याद है सब कुछ मुझको
gurudeenverma198
"सत्य अमर है"
Ekta chitrangini
वो मेरा है
वो मेरा है
Rajender Kumar Miraaj
ग़ज़ल _ गुज़र गया वो ख्वाब था , निखर गया वो हाल था ,
ग़ज़ल _ गुज़र गया वो ख्वाब था , निखर गया वो हाल था ,
Neelofar Khan
अल्फ़ाज़ बदल गये है अंदाज बदल गये ।
अल्फ़ाज़ बदल गये है अंदाज बदल गये ।
Phool gufran
उन्हें हद पसन्द थीं
उन्हें हद पसन्द थीं
हिमांशु Kulshrestha
3095.*पूर्णिका*
3095.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब वक्त ख़राब हो
जब वक्त ख़राब हो
Sonam Puneet Dubey
माटी तेल कपास की...
माटी तेल कपास की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Where is God
Where is God
VINOD CHAUHAN
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
Chaahat
*चले जब देश में अनगिन, लिए चरखा पहन खादी (मुक्तक)*
*चले जब देश में अनगिन, लिए चरखा पहन खादी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
समुद्र का नजारा सुंदर हैं।
समुद्र का नजारा सुंदर हैं।
Neeraj Agarwal
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खाली सी सड़क...
खाली सी सड़क...
शिवम "सहज"
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं  कमियो
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियो
Ragini Kumari
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
Manisha Manjari
तुझे स्पर्श न कर पाई
तुझे स्पर्श न कर पाई
Dr fauzia Naseem shad
Loading...