कोई नही है अंजान
कोई नही है अंजान, जुड़ा जन्मों से नाता, तेरे साथ माँ।
प्यार दुलार तेरी जन्मों से पाया, ऐसा कोई नही हैं
माँ के बिना जीवन, संभव नही जग में , सत्य यही है
जिसके बिना तो संतान, हो जाता है,जग में अनाथ माँ।
निःस्वर्थ प्रेम एक माँ के सिवा, ना करता कोई हैं
माँ सिर्फ तेरी, निर्मल काया तूही ममतामई है
अनुपम सब तेरा नाम, जपके होते सभी हैं सनाथ माँ।
शब्द नहीं , समर्थ नही , मैं लिखते थकु ना
बस तेरी सेवा में, मै इस जीवन को लगा के रखू माँ
मेरा है एक अरमान, मेरे सर से हटे ना तेरा हाथ माँ।
✍️ बसंत भगवान राय
(धुन – तुझको पुकारे मेरा प्यार)