कोई तो है …( प्रेम दिवस विशेष )
कोई तो है जो लगता है प्यारा,
उसे जानेमन कहने को जी चाहता है।
कोई है जो आँखों से दिल में समाया,
उसे ही महबूब मानने को जी चाहता है।
कोई है जो जिंदगी का हिस्सा बना इस कदर,
की उसी पर जीस्त कुर्बान करने को जी चाहता है।
कोई है जो मेरी रूह में ढल गया,
सांसो की लय पर उसे पुकारने को जी चाहता है.
कोई है जिससे अंजना सा रिश्ता बन गया,
हर जन्म में उसे खुदा से मांगने को जी चाहता है।
कोई तो है जिसके बिना दिल है बेकरार,
अब तो आजाओ ! यह कहने को जी चाहता है।
हाँ ! कोई तो है मगर है कहाँ वोह?
दीदार-ऐ -हसरत लिए उसके पहलु में
रहने को जी चाहता है।