कोई जी रहा है सनम,तुम्हे देखकर
कोई जी रहा है सनम,तुम्हे देखकर।
मुझे याद रखना तुम, हर डगर पर।।
साथ न छोड़ना,कभी तुम मेरा।
रहे नाम हर वक्त,जुबां पर तेरा।।
जी न पाऊँगा तुमसे,मैं जुदा होकर।
कोई जी ★★★★★★★★★।।
चाहूँ मैं तुझको,जान से ज्यादा।
मैं हूँ कृष्ण तेरा,तू है मेरी राधा।।
कैसे भूलूँ मैं तुझको,अपना मानकर।
कोई जी★★★★★★★★★★।।
जिंदगी मेरी तेरे,बिना है अधूरी।
तुझे मांगे बिन,दुआ भी न हो पूरी।।
दुआ रब से तू रहे,मेरे साथ जन्मभर।।
कोई जी★★★★★★★★★★।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा”दीपक”
मो.नं.-9628368094,7985502377