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15 Jul 2024 · 1 min read

*कोई जीता कोई हारा, क्रम यह चलता ही रहता है (राधेश्यामी छंद)

कोई जीता कोई हारा, क्रम यह चलता ही रहता है (राधेश्यामी छंद)
————————————
कोई जीता कोई हारा, क्रम यह चलता ही रहता है
लोकतंत्र में मत का दाता, हर समय खरी ही कहता है
क्यों मिली हार वोटर रूठे, अपने भीतर गहरे झॉंको
क्या-क्या सुधार करना होगा, सोचो-समझो मिलकर ऑंको

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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