कोई काम हो तो बताना
पढ़े भी हैं
हम लिखे भी हैं
कम्प्यूटर वगैरह
सीखे भी हैं
लेकिन शर्म की
बात यहां
हमारे लिए
कोई काम नहीं है…
(१)
जीने की कोशिश
में मरते भी हैं
छोटा-मोटा
कुछ करते भी हैं
लेकिन शर्म की
बात यहां
हमारे लिए
कोई दाम नहीं है…
(२)
कमाए कोई
और खाए कोई
सारी दौलत
ले जाए कोई
लेकिन शर्म की
बात यहां
हमारे लिए
कोई नाम नहीं है…
(३)
बचपन से सहते
आए अत्याचार
कहीं मिले गाली
कहीं मिले मार
लेकिन शर्म की
बात यहां
हमारे लिए
कोई मान नहीं है…
(४)
सारी उम्मीदें
हुईं खंडहर
सुबह से चले थे
आई दोपहर
लेकिन शर्म की
बात यहां
हमारे लिए
कोई शाम नहीं है…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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