कोई अपनी शौहर का नाम लेता है क्या
इश्क में कुछ इस कदर कुछ होता है क्या
चोट मुझे लगे तो दर्द तुम्हे भी होता है क्या
और ए बार बार ,मुझे अनुराग अनुराग कह के बुलाती हो
मुझे भी बाबू सोना ढक्कन मखन धनिया पुदीना कहा करो ना
कोई अपनी शौहर का नाम लेता है क्या