“ कॉल ड्यूटी ”
( एक संस्मरण )
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
=====================
कॉल ड्यूटी पर होना एक गर्व का विषय होता था ! मेरी कॉल ड्यूटी दो जगहों पर लगती थी ! एक अपने ENT विभाग में और दूसरा OPERATION THREATRE में ! ENT की कॉल ड्यूटी चार दिनों के बाद आती थी और OPERATION THEATRE की कॉल ड्यूटी सात दिनों के बाद ! ENT कॉल ,कान में कुछ FOREIGN BODY फँस जाना ,एक्सीडेंट से कान से खून बहना ,गले में हड्डी फँसना ,मछली का काँटा फँसना ,नाक से खून बहना ,नाक में FOREIGN BODY फँसना इत्यादि इस तरह के केस को ईमर्जन्सी माना जाता था ! तमाम ईमर्जन्सी ऑपरेशन 2 बजे दिन से दूसरे दिन 9 बजे तक कॉल ड्यूटी में निपटाई जाती थी ! DMO को ईमर्जन्सी की सूचना मिलते ही कॉल रजिस्टर लेकर अंबुलेंस गाड़ी फॅमिली आवास में पहुँच जाती थी ! और मुझे लेकर अस्पताल पहुँच जाती थी ! मिलिटरी अस्पताल 24 घंटे स्टैन्ड बाय रहता था ! OPERATION THEATRE हर समय तैयार रहता था ! सर्जन ,अनेस्थेटिक और OT NURSE भी पहुँच जाती थी !
OT NURSE नर्सींग ऑफिसर मेस में रहती थी ! वे कमिशन रैंक के ना सही परंतु उन्हें सब सुविधाएं ऑफिसर के तरह मिली हुए थी ! उनका मेस मिलिटरी अस्पताल जालंधर कैंट के सामने ही था ! इनको अलग -अलग कमरे मिले थे ! सारी सुख -सुविधा ,सुरक्षा ,भोजन और मनोरंजन के साधन उपलब्ध थे ! यह बात 1997 की है ! उनदिनों मोबाईल टेलीफोन नहीं था ! बस नर्सींग मेस में मिलिटरी एक्सचेंज का एक फोन ( लेंड लाइन ) हुआ करता था ! सुरक्षा और अनुशासन को ख्याल रखते हुए कॉल रजिस्टर के साथ एक अंबुलेंस गाड़ी और एक मैसेंजर के साथ मेस में पहुँची ! मेजर MNS नीलम कुमारी को यह लिखित सूचना दी गयी कि शाम 05 बजे एक ईमर्जन्सी सीजीरियन सेक्शन है ! OT NURSE ने साइन कर दिया !
जहाँ तक मेरा सवाल था ओटी से मुझे सूचना मिल गयी थी ! OT STAFF ने मेरे घर के टेलीफोन पर इतलाह कर दिया था ,—
“सर ,5 बजे शाम को एक ईमर्जन्सी CAESAREAN SECTION है ! आप आ जाना !”
मैं अस्पताल से 2 किलोमीटर दूर सलोनिका लाइन में रहता था ! पता नहीं ऑपरेशन बहुत देर तक चले ! इसलिए
मैंने भी तत्क्षण हिदायत दी ,—–
“ देखो DMO को कहके मेरे लिए अंबुलेंस भेज दो !”
गाइनकालजिस्ट मेजर गंगा शरण ऑन कॉल सर्जन थे और अनेस्थेसीओलोजिस्ट लेफ्टिनेंट कर्नल एस 0 एन 0 पांडे ठीक समय पर आ गए और OPERATION शुरू हो गया !
अंबुलेंस विलंभ से आने के कारण मैं 10 मिनट लेट हो गया ! OT ड्रेस पहनना और केप – मास्क लगा कर OT में पहुँचा! ओटी ऑफिसर इंचार्ज अनेस्थेसीओलोजिस्ट लेफ्टिनेंट कर्नल एस 0 एन 0 पांडे पेसेन्ट को एनेस्थेसीआ दे रहे थे ! उन्होंने मुझसे कारण पूछा ,–
“Jha Sahib ! Why are you late?
“ सर ,अंबुलेंस मेरे घर लेट पहुँची !”
कर्नल साहिब ने फिर मुझे गुस्से में कहा,—
“ No ,It is wrong practice . I will report to Commandant”
मैं तो डर गया ! मैंने सॉरी भी कहा पर कर्नल साहिब का गुस्सा कम नहीं हुआ !
ऑपरेशन समाप्त हो गया ! बच्चा ठीक -ठाक हो गया ! पेसेन्ट भी होश में आ गयी ! अब मेजर MNS नीलम कुमारी OT NURSE का प्रवेश हुआ ! वो तो बिल्कुल लेट हो चुकी थी ! लेफ्टिनेंट कर्नल एस 0 एन 0 पांडे ने हँसते हुए मेजर नीलम कुमारी कहा ,—
“ Welcome Madam ! See, we have finished operation nicely. Now leave everything and let us go to Nursing Mess to play at least two games of Badminton.”
लेफ्टिनेंट कर्नल एस 0 एन 0 पांडे और मेजर नीलम कुमारी दोनों बैडमिंटन खेलने चले गए !……………..
======================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत
09.08.2022.