Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2021 · 1 min read

कैसे सुनाऊँ

आंसुओं को किस तरह रोकूँ,छुपाऊँ
गीत जीवन के लिखे कैसे सुनाऊँ

भाव मन के सुप्त हो बेसुध पड़े हैं
शब्द पहने हथकड़ी बेड़ी खड़े हैं
वेदना के चित्र अब किसको दिखाऊँ
गीत जीवन के……………….

प्रीत के अनुबन्ध टूटे, खो गये हैं
छन्द के उपबन्ध पागल हो गये हैं
रस हुए नीरस, सरस कैसे बनाऊँ
गीत जीवन के……………….

भावना, सम्वेदना के रंग छूटे
कल्पनाओं के ‘असीम’ आधार टूटे
सुर की रंगोली भला कैसे सजाऊँ
गीत जीवन के……………….

©️ शैलेन्द्र ‘असीम’

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 227 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नवरात्रि के इस पवित्र त्योहार में,
नवरात्रि के इस पवित्र त्योहार में,
Sahil Ahmad
वो छोटी सी खिड़की- अमूल्य रतन
वो छोटी सी खिड़की- अमूल्य रतन
Amulyaa Ratan
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
वो तो शहर से आए थे
वो तो शहर से आए थे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
*Author प्रणय प्रभात*
हे परम पिता परमेश्वर,जग को बनाने वाले
हे परम पिता परमेश्वर,जग को बनाने वाले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दो अक्षर का शब्द है , सबसे सुंदर प्रीत (कुंडलिया)
दो अक्षर का शब्द है , सबसे सुंदर प्रीत (कुंडलिया)
Ravi Prakash
यादें
यादें
Tarkeshwari 'sudhi'
💐प्रेम कौतुक-479💐
💐प्रेम कौतुक-479💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आपस की दूरी
आपस की दूरी
Paras Nath Jha
गरजता है, बरसता है, तड़पता है, फिर रोता है
गरजता है, बरसता है, तड़पता है, फिर रोता है
Suryakant Dwivedi
*कौन है ये अबोध बालक*
*कौन है ये अबोध बालक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चलते-चलते...
चलते-चलते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
Neelam Sharma
कुछ तेज हवाएं है, कुछ बर्फानी गलन!
कुछ तेज हवाएं है, कुछ बर्फानी गलन!
Bodhisatva kastooriya
कुछ नमी
कुछ नमी
Dr fauzia Naseem shad
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
माँ दया तेरी जिस पर होती
माँ दया तेरी जिस पर होती
Basant Bhagawan Roy
"बदबू"
Dr. Kishan tandon kranti
तारे दिन में भी चमकते है।
तारे दिन में भी चमकते है।
Rj Anand Prajapati
इश्क में डूबी हुई इक जवानी चाहिए
इश्क में डूबी हुई इक जवानी चाहिए
सौरभ पाण्डेय
याद आया मुझको बचपन मेरा....
याद आया मुझको बचपन मेरा....
Harminder Kaur
तौबा ! कैसा यह रिवाज
तौबा ! कैसा यह रिवाज
ओनिका सेतिया 'अनु '
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
3266.*पूर्णिका*
3266.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
THE MUDGILS.
THE MUDGILS.
Dhriti Mishra
उनसे  बिछड़ कर
उनसे बिछड़ कर
श्याम सिंह बिष्ट
रिसते हुए घाव
रिसते हुए घाव
Shekhar Chandra Mitra
नव-निवेदन
नव-निवेदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
Loading...