कैसे भूला दूं मैं
नाम दिया, काम दिया और दाम भी दिया
उसे कैसे भुला दूं मैं।
इस कवि सम्मेललन का संयोजक है वो
उसे कैसे भुला दूं मैं।।
बुला कर मुझे मंच पर खड़ा किया मशहूर हस्तियों के बीच में।
नई पहचान और सम्मान दिलाया जिसने
उसे कैसे भुला दूं मैं।।
नाम दिया, काम दिया और दाम भी दिया
उसे कैसे भुला दूं मैं।
इस कवि सम्मेललन का संयोजक है वो
उसे कैसे भुला दूं मैं।।
बुला कर मुझे मंच पर खड़ा किया मशहूर हस्तियों के बीच में।
नई पहचान और सम्मान दिलाया जिसने
उसे कैसे भुला दूं मैं।।