कैसे बचेगी मानवता
कैसे बचेगी मानवता
देश की रक्षा कैसे होगी,
कोई हमें बतलाये ।
सब सरकारें बिक चुकी है,
गरीब को कौन बचाये ।।
कट्टा दो कट्ठा भी नहीं है,
तुम उसपर भी हो नजर गड़ाये ।
क्या तुम दौलत ले जाओगे,
जो इतना हो जी ललचाये ।।
खुद तुम अपने दिल से पूछो,
क्या तुम सही हो करते ।
गर अच्छी सरकार चलाते,
तो भुखे न मरते बच्चे ।।
मन के सच्चे, हैं ये बच्चे,
पूछ लो जाकर इनसे ।
झूठ नहीं ये सच बोलेंगें,
डरेंगे ना ये किसी से ।।
राहत नहीं,मर्माहत हुए हैं,
तेरी झूठी शान से ।
अपनों की चिंता इन्हें सताये,
ये दुआ करते भगवान से ।।
दिन रात अपनों से कहते हैं,
काश कोई हमें बचाये ।
कोई न आता, आशा टूटता,
आखिर हमें क्यों गए सताए ।।
क्या कमी थी मुझमें जो,
यहाँ इतना तुम दुःख दिलाये ।
सुख की घड़ी आयेगी कब,
जरा ये तो हमें बताएँ ।।
दुसरों को हर्षित करनेवाला,
क्यों इतना पछताये ।
पुछता है जीवन भगवन से,
तू आके हमें बताए ।।
लोग यहाँ दानव बन गए,
अब कैसे बचेगी मानवता ।
अपना हिन्दुस्तान में नहीं अब,
वो संस्कृति और सभ्यता ।।