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12 Sep 2019 · 1 min read

कैसे फाग सुनाऐं

आज भी पुलवामा का घाव हरा है मेरे सीने में,
वीर सैनिकों को खोया था हमने इसी महीने मे,

लिपट तिरंगे में घर आए उन सबकी कुर्बानी को,
भूल नहीं सकती हूँ मैं उनकी अमर कहानी को,

देखा था नन्हे हाथों को अर्थी पर फूल चढाए थे,
माँ,बहन,बीवी,बच्चे सारे बिलखे थे, चिल्लाये थे,

अब ऐसे मे तुम ही कह दो कैसे हम मुस्काएं,
मन है व्यथित हमारा बोलो कैसे फाग सुनाएं “

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 505 Views

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