कैसे दरिंदे शहर में मेरे
गिराते हैं हर पल ये बढ़ने न दे
मेरे भय को मुझसे ये लड़ने न दे
है कैसे दरिंदे शहर में मेरे
परिंदो के पर काटे उड़ने न दे
गिराते हैं हर पल ये बढ़ने न दे
मेरे भय को मुझसे ये लड़ने न दे
है कैसे दरिंदे शहर में मेरे
परिंदो के पर काटे उड़ने न दे