कैसे जगे सामर्थ्यता !
नफरत है हर मन में,
हर तन बेचैन है,
गर खोज नहीं पाए हम,
इस बेचैनी की वजह,
बंद नहीं होने वाले आपसी कलह,
कौन है जिम्मेदार ?
कैसे मिटे आपसी कलह !
*हूनर खोजने होंगे,
दबाव हटाने होंगे,
यांत्रिक प्रवृति रोकनी होगी,
अन्ध-अनुकरण रोकना होगा,
जो है उसे स्वीकार करना होगा,
फिर जो है वो है,
नहीं है वो नहीं है,
निजता पैदा होगी,
निजात मिलेगी !
डॉ महेन्द्र सिंह खालेटिया,
रेवाड़ी(हरियाणा).
लेख:-कैसे जगे सामर्थता !