कैसे कैसे संत
चाचा से कहने लगे, द्वार खड़े एक संत,
दे बच्चा प्रभु आये है, खुश होंगे भगवंत,
खुश होंगे भगवंत, ग्रहदशा तेरी भारी,
देख लिया स्पष्ठ भाग्य में कमी तुम्हारी
दशा शनि गंभीर है और राहु काल
हम है पहुचे वहां तक, देख लिया सब हाल
देख लिया सब हाल, बाबा है जमघट बाले
रौद्र रूप में जब आये, सब फूँक ही डाले
चाचा छज्जु लाल ने सोचा बहुत प्रचंड
जल्दी किया प्रणाम हाथ से ले लिया उनका दंड
ले लिया उनका दंड, दंड को रख कर बोले
बैठो बाबा आसन पर, प्रभु बम बम भोले
बोलो सेवा दास को, कर दो मुझको धन्य
कर बाबा को दंडवत, हो गए चाचा नम्य
हो गए चाचा नम्य, बस कृपा इतनी कर दो
भर दो सब भंडार दया बस इतनी कर दो
बोले आ जा शरण में बाबा हुए प्रसन्न
मत कर चिंता धन धान्य की, करेंगे तुझको धन्य
करेंगे तुझको धन्य, ज़रा जल पान करा दे
क्या हैं इच्छा तेरी फिर एक “लिस्ट” बना ले
चाचा कूदे एक फिट, ख़ुशी न मन में समाये
दो कदमो में दौड़ कर चाची लिए उठाये
चाची लिए उठाये, जरा हमको भी बताए
कल तक मोटी भैंस थी, आज फूलों सी उठाये
सांस धौंकनी हो गई, चाची दई उतार
दिल पर रख कर हाथ बताया हुआ नहीं कम प्यार
हुआ नहीं कम प्यार, प्रिये कुछ अच्छा सा पकाओ
अच्छा ये है बात, जाओ जी खुद ही बनाओ
आज मान लो बात हमारी फिर मत कहना
मिसेज प्रिया ने “प्योर गोल्ड” का कंगन पहना
एजी सच्ची बोल दो, कुछ तो हुआ जरूर
बीपी हाई करने पर, करो नहीं मजबूर
करो नहीं मजबूर तुम्ही हो जानू प्यारी
बाबा जमघट आये स्वयं ही द्वार हमारी
बाबा बाबा नहीं है, स्वयं प्रकट भगवंत
बैठे हैं बैठक में, जमघट वाले संत
चाची की त्योरी चढ़ी, सुर्ख हुए दो गाल
जल्दी उसे निकाल दो, पार होए सब माल
पार होए सब माल, घास खाई है तुमने
अक्ल पर पत्थर डाल गए बाबा की सुनने
चाची आई जल्दी से, बोली बाबा माफ़ी
बना नहीं कुछ भी आज है बाबा हम उपवासी
सुनना इतना ही रहा, बाबा का गुस्सा भड़का
डमरू वाले हाथ को, बिजली जैसा तड़का
चाची गौर से देखकर बोली त्योरी तान
कल्लू मेरी झुमकी दे दे, या ले लूं तेरे प्राण
ले लूं तेरे प्रान ढूंढती कब से तुझको
कब तक खैर मनाएगा, आज तू गया ही समझे
सुनते इतना, कांप गया बोला साष्टांग
चाची पैसे सब रखो बक्श दो मेरे प्राण
बक्श दो मेरे प्राण, लो दोनो कान भी पकड़े
चाचा हंस कर बोल दिए क्या रुलाएगा पगले
कहो प्रिये मेहमान को कैसे लिया पहचान
चप्पल पीछे छोड़ कर, भाग गया शैतान
भाग गया शैतान प्रिये, कुछ तो समझाओ
दिल है मेरा कूद रहा, यू न मुस्काओ
पूछ रहे हो क्या मुझे है इतना भी है भान
फूलवती ये आपकी, नानी है शैतान
नानी है शैतान, अभी ये बच्चा है बस
जासूसी अब छोड़ दी, मगर ये छूटी है कब
आंख फडकती देख के हुआ मुझे अहसास
लटके झटके देख के कल्लू का आभास
कल्लू का आभास, मैने फिर तुक्का मारा
इक झटके में लोट गया चरणों मे बेचारा
चाचा हुए प्रसन्न कहा, ओ मेरी फुल्लो प्यारी
तू तो मेरे दिल मे रहती, जान हमारी
चाची मुस्काई जरा बोली त्योरी तान
कंगन हमको दे दो, वर्ना गई तुम्हारी जान
गई तुम्हारी जान, चाचा थोड़े घबराये
शाम को बात करूंगा, अभी रखो ये झुमके आये
चाचा सोचे आज तो, छिड़ जाती फिर जंग
हे प्रभु आपके लोक में “कैसे कैसे संत”